मंगलवार, 18 जुलाई 2017

मुझे कभी-कभी सपना ये आए

मुझे कभी-कभी सपना ये आए
कि श्याम मेरी गलियोंमें बांसुरी बजाए
सुध बुध भूलके मैं जाऊं दौड़ी दौड़ी
अंखियां बावरी मैं खोलूं थोड़ी-थोड़ी
अंखियां खोली खोली फिरूं मैं गली गली
फिरभी कान्हा नजर नहीं आए
मुझे कभी-कभी सपना ये आए
चढ़ गया हाथ मेरे जिस दिन छलिया
देखना छीन लूंगी उसकी मुरलिया
लाख जतन करे नैना नीर भरे
चाहे कैसे बहाने वो बनाए
मुझे कभी-कभी सपना ये आए
पलकोंकी डोरमें पिरोई मैंने कलियां
जाने मनाए कहां श्याम रंगरलिया
मेरे मोहन का पता ला दे कोई जरा
प्यारकी माला ना पड़ी कुम्हलाए
मुझे कभी-कभी सपना ये आए
कि श्याम मेरी गलियोंमें बांसुरी बजाए
गायिका -- सुमन कल्याणपुरकर
फिल्ममें -- नंदा
गीतकार - राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार- चित्रगुप्त
फिल्म - मेरा कसूर क्या है